Wednesday, 19 April 2017

रास्ते गवाह हैं:

कौन कहता है कि मुसाफिर ज़ख़्मी नहीं होते

रास्ते गवाह हैं …..
बस कमबख्त गवाही नहीं देते !
🌹🌷🙏🏻🌷🌹
मुस्कुराने की वज़ह गर ढूंढ लें

हंस पड़ेंगे ग़म भी इक दिन, देखना
🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷
सजी हुई हैं सितारों से मयकदे की फिजा

कि रात तेरे तस्सउर में ढल के आई है
🌷👍🏻
"अपने स्वयं के सपने साकार करें,

नहीं तो कोई और अपने सपनों को

साकार करने के लिए आपको काम पर रख लेगा। "
🌷👌🏻🌷

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