कौन कहता है कि मुसाफिर ज़ख़्मी नहीं होते
रास्ते गवाह हैं …..
बस कमबख्त गवाही नहीं देते !
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मुस्कुराने की वज़ह गर ढूंढ लें
हंस पड़ेंगे ग़म भी इक दिन, देखना
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सजी हुई हैं सितारों से मयकदे की फिजा
कि रात तेरे तस्सउर में ढल के आई है
🌷👍🏻
"अपने स्वयं के सपने साकार करें,
नहीं तो कोई और अपने सपनों को
साकार करने के लिए आपको काम पर रख लेगा। "
🌷👌🏻🌷
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