Tuesday, 27 December 2016

तेरे मनाने को ही तो रूठ जाते हैं :

तेरे मनाने को ही तो रूठ जाते हैं
वरना तेरी तो हर बात प्यारी लगती है हमें

मौक़ा जिसे भी मिलता है वो पीता जरुर है, शायद मेरे लहू में मिठास बहुत है....

जितनी शिद्दत से उसने मुझे झख्म दिए हैं, इतनी शिद्दत से तो मैंने उसे चाह भी नहीं था...

शिकायत है उन्हें कि हमें मोहब्बत करना नही आता; शिकवा तो इस दिल को भी है; पर इसे शिकायत करना नहीं आता।

My silence doesn't mean that I quit. It simply means that I don't want to argue with people who just don't want to understand!

Knowingly We Dont Have Time To Help People, Unknowingly We Always Manage Time To Hurt People. Think Again. Its True.

मौक़ा जिसे भी मिलता है वो पीता जरुर है,
शायद मेरे लहू में मिठास बहुत है....

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