ये दुनियाँ भी बड़ी अजीब है, सच को देखकर भी स्वीकार नहीं करती है और झूठ से सुनकर ही सहमत हो जाती है। यहाँ पर जब किसी के द्वारा कोई अच्छा काम किया जाता है, तो ये दुनियाँ वाले कहते हैं कि , विश्वास ही नहीं होता कि उसने ये काम कैसे कर लिया?
लेकिन अगर किसी पर गलत काम करने का आरोप लगाया जाता है तो यही लोग कहते हैं, हमें पूरा विश्वास है उसने ऐसा किया ही होगा। इस दुनियाँ की समस्या मात्र यह नहीं है, कि यह अच्छा काम नहीं करती अपितु यह भी है, कि यह अच्छे को स्वीकार करने का साहस भी नहीं रखती।
इसलिए अगर आप दुनियाँ की परवाह करोगे तो आप से अच्छे काम नहीं हो पाएंगे मगर यदि आपको अच्छे काम करने ही हैं तो फिर आपको दुनियां की परवाह तो छोड़नी ही पड़ेगी।
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