[27/05, 10:05 am] Bansi Lal: If what you have done yesterday still looks big to you, you haven't done much today.
[27/05, 9:04 pm] Bansi Lal: नहीं है अब मुझे तुम पर भरोसा
तुम्हें मुझ से मोहब्बत हो गई क्या!!
[27/05, 9:05 pm] Bansi Lal: तुम्हारी दृष्टि में मैं विद्रोही हूँ
क्योंकि मेरे सवाल
तुम्हारी मान्यताओं का
उल्लंघन करते हैं।
[27/05, 9:09 pm] Bansi Lal: शब्द चाहे कितनी भी समझदारी से
इस्तेमाल कर लिजिये...
सुनने वाला अपनी योग्यता और मन के विचारों के अनुसार ही
उसका मतलब समझता है..
:बंसी💐💐
[27/05, 9:14 pm] Bansi Lal: नींव को पुख़्ता किये बग़ैर ही तामीर 'इमारत' हो गयी थी
रिश्ता नहीं बना था, हमें इक दूसरे की आदत हो गयी थी
[27/05, 9:14 pm] Bansi Lal: व्यक्ति सबसे अन्त में यह जान पाता है कि,
सबसे पहले उसे क्या करना चाहिए था.!
[27/05, 9:15 pm] Bansi Lal: उलझने मैंने कई बार झुक के सुलझाई है...!
लोग सारे क़द में बराबर तो नहीं होते..!!!
[27/05, 9:19 pm] Bansi Lal: लोगो से मिला तजुर्बा
बस इतना
सबक सिखाया है..
उतना ही
मिलो किसी से
जितना वो
मिलना चाहता है..
:बंसी
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