Friday, 28 May 2021

हमें मुस्कुराना पड़ा था,तुम्हें रुख़सत करते वक्त भी,ताकि तुम्हें, अपनी गलती का अंदाज़ा न हो...!

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डर हमको भी लगता है रस्ते के सन्नाटे से लेकिन एक सफ़र पर ऐ दिल अब जाना तो होगा

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