Wednesday, 12 September 2018

तर्क,:

तर्क-ए-गिरया-सहरी, जौक-ए-फना पैदा करो
नातमामी की गर्द से जोश-ए-ज़बाल पैदा करो

फलक पे अब्र-ए-सियाह से नाउम्मीद क्यों हो
उफक की सुर्ख़ी से जिगर मे उबाल पैदा करो

🌹🌹शुभ रात्री🌹🌹

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डर हमको भी लगता है रस्ते के सन्नाटे से लेकिन एक सफ़र पर ऐ दिल अब जाना तो होगा

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