Sunday, 27 November 2016

To speak kindly:

To speak kindly does not hurt the tongue.

सावन-भादों साठ ही दिन हैं फिर वो रुत की बात कहाँ
अपने अश्क मुसलसल बरसें अपनी-सी बरसात कहाँ

मैंने दरिया से सीखी है पानी की परदादारी
ऊपर-ऊपर हंसते रहना, गहराई में रो लेना

मग़रमच्छ पकड़ने के लिए पूरा तालाब ही सुखा दिया गया
करोड़ो छोटी मछली बिना क़सूर ही मारी गई

मेरे अकेलेपन का मज़ाक बनाने वालों....
ज़रा ये तो बताओ, जिस भीड़ में तुम खड़े हो उसमें कौन तुम्हारा है....

रक्शेमय तेज करो साज की लय तेज करो
सूए मैखाना सफीराने हरम आते हैं।

ज़हर के घूँट भी हँस हँस के पिए जाते हैं
हम बहर-हाल सलीक़े से जिए जाते हैं

"हमेशा तर्क करने वाला दिमाग सिर्फ धार वाले चाकू की तरह है
जो प्रयोग करने वाले के हाथ से ही खून निकाल देता है।"

मेरी कमियों को तलाशना बंद कर दिया है लोगों ने,
मैंने तोहफे में उन्हें जब से आइना दे दिया

"Persistent questioning and healthy inquisitiveness are the first requisite for acquiring learning of any kind." - Gandhi

An attitude of gratitude brings great things.

"An ounce of action is worth a ton of theory."

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