Wednesday, 9 November 2016

ये धुआं कम हो तो पहचान:

"मुझे दुश्मनों से
भी खुद्दारी की उम्मीद रहती है,
सर किसी का भी हो कदमो में
अच्छा नहीं लगता..."

"माता पिता अपने बच्चों को उत्तरदान में धन दौलत नहीं, बल्कि श्रद्धा की भावना दें।"

सब्र हर बार इख़्तियार किया
हम से होता नहीं हज़ार किया
आदतन तुम ने कर दिए वादे
आदतन हम ने ए'तिबार किया

इस दौर के लोगों में वफ़ा ढूँढ रहे हो,
तुम जहर कि शीशी में दवा ढूँढ रहे हो..!

"जीवन तूफान के चले जाने का इंतज़ार करने में नहीं; यह तो बरसात में भी भीगने का आनंद लेने में है।"

"बेटी तो इस संसार में मिल सकने वाली सबसे खूबसूरत सौगातों में से है।"

रात को जीत तो पाता नहीं लेकिन ये चराग़
कम से कम रात का नुक़सान बहुत करता है

"हो सकता है दूसरी ओर की घास अधिक हरी लगे, लेकिन अगर आप अपनी घास को पानी देने का समय निकालें तो यह भी उतनी ही हरी लगेगी।"

चुहिया पेड़ पर चढ़ी, तो बंदर ने पूछा, ऊपर क्यों आई हो?
चुहिया: सेब खाने।
बंदर: यह तो आम का पेड़ है।
चुहिया: तू ज्यादा चौधरी मत बन, सेब साथ लाई हूं।

Sasha Aickin, once said:
"When you buy something cheap and bad, the best you’re going to feel about it is when you buy it. When you buy something expensive and good, the worst you’re going to feel about it is when you buy it"

ये जो मुझ पर किसी अपने का गुमाँ होता है
मुझ को ऐसा नज़र आने में बड़ी देर लगी

"आपकी गर्दन पर लिपटी आपके बच्चों की बाहों से कीमती जेवर आप कभी नहीं पा सकते।"

"जीवन में सबसे कठिन कार्य यह समझ पाना है कि कौन से पुल तो पार करें, और कौन से नष्ट करें।"

ख़ूब है शौक़ का ये पहलू भी
मैं भी बर्बाद हो गया तू भी

ये धुआँ कम हो तो पहचान हो मुम्किन शायद,
यूँ तो वो जलता हुआ अपना मकाँ लगता है

सुनते हैं के अपने ही थे घर लूटने वाले,
अच्छा हुआ मैं ने ये तमाशा नहीं देखा.

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