इतने अच्छे बने की आप की उपेक्षा करने का किसी में साहस ही न हो।
उलझ पड़ते अगर तो हम में तुम में फ़र्क़ क्या रहता
यही दीवार बाक़ी थी सलामत छोड़ दी हम ने !
यदि आप गुसे के एक क्षण में धैर्य रखते हैं!!!
तो आप दुःख के सौ दिन से बच जायँगे।।
ज्यादा बोझ लेकर चलने वाले अक्सर डूब जाते हैं ~
फिर चाहे वो अभिमान का हो या सामान का..!!
कर लेते है बर्दाश्त उनकी बेरुखी इसी आस के साथ।
कि खुदा नूर भी बरसाता है आजमाइशों के बाद।”
हुकुमत वही करता है जिसका दिलों पे राज होता है,
वरना युं तो गली के मुर्गो के सर पर भी ताज होता है..
वरना युं तो गली के मुर्गो के सर पर भी ताज होता है..
हर एक शक्स खफा, मुझसे अंजुमन में था...
क्योंकि मेरे लब पे वही था, जो मेरे मन में था....
क्योंकि मेरे लब पे वही था, जो मेरे मन में था....
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