Friday, 13 February 2015

भग्त भगवान को भी गिरने से बचाते है:

उस समय का प्रसंग है जब केवट भगवान के चरण धो रहा है बड़ा प्यारा दृश्य है, एक पैर धोता है उसे निकालकर कठौती से बाहर रख देता है
और जब दूसरा धोने लगता है तो पहला वाला पैर गीला होने से जमीन पर रखने से धूल भरा हो जाता है, केवट दूसरा पैर बाहर रखता है फिर पहले वाले को धोता है, एक-एक पैर को सात-सात बार धोता है. कहता है प्रभु एक पैर कठौती मे रखिये
दूसरा मेरे हाथ पर रखिये, ताकि मैला ना हो. जब भगवान ऐसा करते है तो जरा सोचिये
क्या स्थिति होगी यदि एक पैर
कठौती में है दूसरा केवट के हाथो में, भगवान दोनों पैरों से खड़े नहीं हो पाते बोले-केवट मै गिर जाऊँगा ?
केवट बोला - चिंता क्यों करते हो सरकार ! दोनों हाथो को मेरे सिर पर रखकर खड़े हो जाईये, फिर नहीं गिरेगे , जैसे कोई छोटा बच्चा है जब उसकी माँ उसे स्नान कराती है तो बच्चा माँ के सिर पर हाथ रखकर
खड़ा हो जाता है,भगवान भी आज वैसे ही खड़े है.
भगवान केवट से बोले - भईया केवट ! मेरे अंदर का अभिमान आज टूट गया. केवट बोला - प्रभु ! क्या कह रहे है ?
भगवान बोले - सच कह रहा हूँ केवट, अभी तक मेरे अंदर अभिमान था, कि मै भक्तो को गिरने से बचाता हूँ पर आज पता चला भक्त भी भगवान को गिरने से बचाता है।

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