Tuesday, 10 May 2022

हादसे कुछ ज़िन्दगी में ऐसे हो गए, हम समंदर से भी गहरे हो गए...

 [1:19 PM, 4/1/2022] Bansi lal: हादसे कुछ ज़िन्दगी में ऐसे हो गए,


हम समंदर से भी गहरे हो गए...

[8:42 AM, 4/2/2022] Bansi lal: बाहर से खामोश इंसान के,


भीतर बहुत शोर होता है...

[8:44 AM, 4/2/2022] Bansi lal: मैं बोलता गया हूँ वो सुनता रहा ख़ामोश


ऐसे भी मेरी हार हुई है कभी कभी


- वसीम बरेलवी

[8:39 PM, 4/2/2022] Bansi lal: ज़िंदगी में एक ग़लत समझौता 


आपसे सौ ग़लत समझौते करवाता है।

[8:41 PM, 4/2/2022] Bansi lal: कौन-सी बात कहाँ, कैसे कही जाती है 


ये सलीक़ा हो, तो हर बात सुनी जाती है 


~ वसीम बरेलवी

[8:45 PM, 4/2/2022] Bansi lal: अच्छे इंसान के साथ,


किस्मत भी बुरा खेलती है..

[7:40 AM, 4/3/2022] Bansi lal: कहाँ मिलता है अब कोई समझने वाला,


जो भी मिलता है समझा के चला जाता है

[7:42 AM, 4/3/2022] Bansi lal: मैंने इस ज़िद में खो दिया सब कुछ...


खो गया था जो.....ढूँढना है मुझे.!!


- राज़ देहलवी

[9:38 AM, 4/4/2022] Bansi lal: जैसे तुझे आते हैं न आने के बहाने 


ऐसे ही किसी रोज़ न जाने के लिए आ

[8:01 AM, 4/6/2022] Bansi lal: "भूल होना प्रवृत्ति है,

भूल जान लेना प्रकृति है।


मान लेना संस्कृति है,

और 

भूल सुधार लेना प्रगति है।।

[8:05 AM, 4/6/2022] Bansi lal: शब्द भी क्या चीज हैं!!


महके तो लगाव,

और

बहके तो घाव।

[8:03 AM, 4/7/2022] Bansi lal: “जहां आवश्यकता ना हो वहाँ ज़बरदस्ती अपनी सलाह देने से बचना चाहिए”

[8:04 AM, 4/7/2022] Bansi lal: बिना आवाज के रोना,


रोने से ज्यादा दर्द देता है..

[8:04 AM, 4/7/2022] Bansi lal: तुझे महसूस करना ही तो इश्क़ है,


छूकर तो मैंने ख़ुदा को भी नहीं देखा है...

[8:05 AM, 4/7/2022] Bansi lal: अगर आप एक पेड़ पर चढ़ते हैं, 


तो आपको उसी पेड़ के नीचे ही उतरना भी होगा।

[8:05 AM, 4/7/2022] Bansi lal: बहुत ही आसान है ज़मीं पर मकान बना लेना, 


दिलों में जगह बनाने में ज़िंदगी गुज़र जाती है।

[9:17 AM, 4/8/2022] Bansi lal: समझ रहा हो कहीं ख़ुद को मेरी कमज़ोरी


तो उससे कह दो मुझे भूलना भी आता है


~ वसीम बरेलवी

[9:18 AM, 4/8/2022] Bansi lal: घंटो तक उनकी मौजूदगी एक तरफ..


 जाते वक्त उनका पलट कर देखना एक तरफ..!!

[9:20 AM, 4/8/2022] Bansi lal: काट कर ग़ैरों की टांगें ख़ुद लगा लेते हैं लोग,


इस शहर में इस तरह भी क़द बढ़ा लेते हैं लोग.

[1:36 PM, 4/8/2022] Bansi lal: मैं इसलिए भी उसे सांप कह नहीं पाया ,


वो आस्तीन से निकल कर समेटता था मुझे

[1:37 PM, 4/8/2022] Bansi lal: जब भी मेरा ख्याल आये,


बस अपना ख्याल रखना।

[2:05 PM, 4/10/2022] Bansi lal: मुस्कुरा कर मिलिए सब से जमाने में,


क्या हासिल होगा जख्म दिखाने में...

[9:14 PM, 4/10/2022] Bansi lal: वो जो प्यासा लगता था सैलाब-ज़दा था


पानी पानी कहते कहते डूब गया है

[9:14 PM, 4/10/2022] Bansi lal: तकलीफ हमेशा उन्हें बताओ, 


जो समझने के काबिल हो...

[9:15 PM, 4/10/2022] Bansi lal: कितना विशाल है ये आसमां, 


लेकिन जब कोई चिड़िया उड़ती है तो आसमां नहीं, चिड़िया दिखती है।

[9:16 PM, 4/10/2022] Bansi lal: खुश होना है तो तारीफ़


 सुनिए और बेहतर होना है तो निंदा…

[8:00 AM, 4/12/2022] Bansi lal: रिश्तों को को वक्त दिया जाता है,


 बहाने नही...

[8:02 AM, 4/12/2022] Bansi lal: "बदलो। लेकिन धीरे-धीरे शुरू करो, 


क्योंकि गति से दिशा अधिक महत्वपूर्ण है।"

[8:07 AM, 4/12/2022] Bansi lal: ज़िंदगी जब कठिन समय में नाच नचाती है 



तो ढोलक बजाने वाले अपनी जान पहचान वाले ही होते हैं

[8:45 PM, 4/12/2022] Bansi lal: हमेशा किस्मत ही खराब नहीं होती,


कभी-कभी हम फैसले भी गलत ले लेते हैं..

[8:47 PM, 4/12/2022] Bansi lal: दूध पिलाये हाथ जो डसे उसे भी साँप

दुष्ट न त्यागे दुष्टता कुछ भी कर लें आप


गोपालदास नीरज

[7:44 AM, 4/14/2022] Bansi lal: धोखे से ज्यादा तो,


यकीन चुभता है..

[7:45 AM, 4/14/2022] Bansi lal: पुष्प कंटकों में खिलते हैं,

दीप अंधेरों में जलते हैं।


आज नहीं , 

प्रहलाद युगों से,

पीड़ाओं में ही पलते हैं।


~ अटल बिहारी वाजपेयी

[7:46 AM, 4/14/2022] Bansi lal: “प्रतिभाएँ कभी-कभी निन्दा से नहीं, 

अतिशय प्रशंसा से बुझ जाया करती हैं।”

[7:48 AM, 4/14/2022] Bansi lal: साथ होने के लिए हमेशा पास खड़े होने की ज़रूरत नहीं होती।

[7:49 AM, 4/14/2022] Bansi lal: किसी का सरल स्वभाव उसकी कमजोरी नही ,


बल्कि उसके संस्कार होते हैं...

[7:49 AM, 4/14/2022] Bansi lal: ख़ुद को इतना भी दिलासा मत दीजिए,


कोई इतना भी व्यस्त नहीं होता..

[7:59 PM, 4/15/2022] Bansi lal: जिससे मिलने के बाद जीने की उम्मीद बढ़ जाएगी,


 समझना वो ही प्रेम है।


 ~ ओशो

[8:01 PM, 4/15/2022] Bansi lal: तुम जमाने से जा मिले वर्ना,


हम जमाने से तुम्हे मिलवाते..

[8:03 PM, 4/15/2022] Bansi lal: शोर की उम्र होती है,


ख़ामोशी सदाबहार होती है...

[8:04 PM, 4/15/2022] Bansi lal: वक्त, ख्वाहिशें और सपने 

हाथ में बंधी 

घडी की तरह होते हैं


जिसे हम उतार कर रख भी दें 

तो भी चलती रहती है..

[8:06 PM, 4/15/2022] Bansi lal: उनको कभी प्राथमिकता ना दें जिनके लिए आप सिर्फ विकल्प मात्र हैं।

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