तरस रहे थे सब तेरी इक नज़र के लिए !!
तुमने हमें देखकर मशहूर कर दिया !!
[22/01, 08:56] Bansi lal: आस पास तेरा एहसास अब भी लिये बैठें हैं;
तू ही नज़र अंदाज़ करे तो हम शिकवा किससे करें!
[22/01, 09:00] Bansi lal: ख्वाहिशों का काफिला भी अजीब है ....
कमबख्त गुजरता वही से है जहाँ रास्ते नहीं होते ..!!
[22/01, 09:00] Bansi lal: सांसों का रुकना तो आम बात है ...
जब अपने ही बदल जाएँ "मौत" तो उसे कहते हैं ...!!
[22/01, 09:17] Bansi lal: यूँ ना फ़ैसला करो मेरी हार जीत का,
मेरी कोशिशों से अभी, वाक़िफ नहीं हो तुम !
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