कोई शिकवा नहीं है,उनसे हमें,
उन्हें हमसे ,बस यही शिकवा है !
मेरा दिल भी है बेअदब कितना,
उनके आने पर बैठ जाता है ...
कैसे न हो, इश्क़ उससे
जो मेरे ख़ामोश होते ही पूछे
नाराज़ हो मेरे से....
एक गफलत सी बनी रहने दो रिश्ते में,
किसी को इतना भी ना जानो के ,
जुदा हो जाए...
"फिर से महसूस हुई तेरी कमी शिद्दत से,
आज फिर दिल को मनाने में हमे बड़ी देर लगी !!
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