Saturday, 6 December 2014

Improving self will serve others:

��  दूसरों को अपनी बात मानने के लिये बाध्य करना सबसे बड़ी अज्ञानता है। यहाँ हर आदमी एक दूसरे को समझाने में लगा हुआ है। हम सबको यही बताने में लगे हैं कि तुम ऐसा करो, तुम्हें ऐसा नहीं करना चाहिये था। तुम्हारे लिये ऐसा करना ठीक रहेगा।
��  ये सब अज्ञानी की अवस्थायें हैं ज्ञानी की नहीं। ज्ञानी की सबसे बड़ी विशेषता यही है कि वह किसी को सलाह नहीं देता, वह मौन रहता है, मस्ती में रहता है, वह अपनी बात को मानने के लिए किसी को बाध्य नहीं करता है।
��    इस दुनिया की सबसे बड़ी समस्या ही यही है कि यहाँ हर आदमी अपने आपको समझदार और चतुर समझता है दूसरे को मूर्ख। सम्पूर्ण ज्ञान का एक मात्र उद्देश्य अपने स्वयं का निर्माण करना ही है। बिना आत्म सुधार के समाज सुधार किंचित संभव नहीं है। "" हम सुधरेंगे युग सुधरेगा ""
        
               

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 [8:11 AM, 8/24/2023] Bansi Lal: เคกเคฐ เคนเคฎเค•ो เคญी เคฒเค—เคคा เคนै เคฐเคธ्เคคे เค•े เคธเคจ्เคจाเคŸे เคธे เคฒेเค•िเคจ เคเค• เคธเคซ़เคฐ เคชเคฐ เค เคฆिเคฒ เค…เคฌ เคœाเคจा เคคो เคนोเค—ा [8:22 AM, 8/24/2023] Bansi La...