जीत किसके लिए, हार किसके लिए
ज़िंदगीभर ये तकरार किसके लिए।
जो भी आया है वो जायेगा एक दिन
फिर ये इतना अहंकार किसके लिए!
ज़िंदगीभर ये तकरार किसके लिए।
जो भी आया है वो जायेगा एक दिन
फिर ये इतना अहंकार किसके लिए!
[8:11 AM, 8/24/2023] Bansi Lal: डर हमको भी लगता है रस्ते के सन्नाटे से लेकिन एक सफ़र पर ऐ दिल अब जाना तो होगा [8:22 AM, 8/24/2023] Bansi La...
आदरणीय मेरी पंक्तियां यहां देने के लिए आपका हार्दिक आभार। पंक्तियों के साथ अगर नाम भी दे देते तो और अच्छा होता। आपका पुनः आभार।
ReplyDelete- डॉ कृष्णकुमार नाज़