“Worry is spiritual near-sightedness, a fumbling way of looking at little things and magnifying their value.”
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क्या बताएँ हम कि साहब रौशनी के वास्ते
घर जलाया ख़ुद जले हैं, तीरगी जाती नहीं
हाथ उसके भी यक़ीनन हुए होंगे ज़ख्मी।।।
जिसने कांटे मेरी राहों में बिछाये होंगे।।।।"
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बुझा के रख दे ये कोशिश बहुत हवा की थी
मगर चराग़ में कुछ रौशनी अना की थी
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