“साथ देने वाले कभी हालात नहीं देखते,
और हालात देखने वाले कभी साथ नहीं देते”
जो न इक बार भी चलते हुए मुड़ के देखें,
ऐसी मग़रूर तमन्नाओं का पीछा न करो…
हर गलत मोड़ पे टोका है किसी ने मुझको
एक आवाज़ जब से तेरी मेरे साथ हुई
आवाज़ ऊँची करने से बातों का वजन तो नहीं बढ़ता है,
फिर क्यों कुछ लोग चीख चीख कर दूसरों को बहरा करने पर तुले रहते हैं?
"कस्ती तूफानो से निकल सकती है,
तकदीर किसी भी वक्त बदल सकती है
हौसला रखो, इरादा न बदलो,
जिसे दिल से चाहते हो वो चीज कभी भी मिल सकती है.."
जिनके सिद्धांत अमीर होते हैं उनका चरित्र कभी गरीब नहीं हो सकता !!!
तुम पसंद आए ये इत्तेफाक था ,
तुम ही पसंद रह गए ये इश्क है ..!!
उसकी ज़िंदगी में मेरी जगह बादल के एक टुकड़े बराबर भी नहीं
जिसके नाम मैंने अपना सारा आकाश कर दिया
दोबातों की गिनती करना
छोड़ दे,
खुद का दुःख
और दूसरों का सुख,
जिंदगी आसान हो जाएगी..
“जिनके पास पद है लेकिन प्रतिभा नहीं तो वे धृतराष्ट्र कहलाते हैं,
और जिनके पास प्रतिभा है लेकिन पद नहीं, वह कर्ण बन जाते हैं”
एक मनपंसद शक्स की कमी,
दुनियां के सारे लोग मिलकर भी पूरी नहीं कर सकते...
कुंए में उछलता हुआ हर मेंढक क्रांतिकारी होता है।
“पुरानी चाबियाँ नए दरवाज़ों के ताले नहीं खोल पातीं,
इसलिए ख़ुद को समय के अनुकूल बनाएँ”
जो कुछ तुम्हें मन से, बुद्धि से,
शरीर से निर्बल करे उसे विष समझ कर त्याग दो।
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जिस वक़्त रौशनी का तसव्वुर मुहाल था.
उस शख्स का चराग़ जलाना कमाल था...
जो कुछ तुम्हें मन से, बुद्धि से,
शरीर से निर्बल करे उसे विष समझ कर त्याग दो।
• स्वामी विवेकानन्द
मन तो सभी के पास होता है लेकिन मनोबल कुछ लोगों के पास ही होता है !!!
अल्लाह ने भी औरत को ये अज़मत - ए - कमाल दी,
जन्नत उठा के उस के क़दमों में डाल दी.
कितनी गिरहें खोलीं हैं मैंने
कितनी गिरहें अब बाकी हैं
हमने सोचा के दो चार दिन की बात होगी लेकिन .
तेरे ग़म से तो उम्र भर का रिश्ता निकल आया .
किसी ख़ंज़र किसी तलवार को तक़्लीफ़ न दो,
मरने वाला तो फ़क़त बात से मर जाएगा.....
शक्तिशाली होकर भी क्षमा करने और दरिद्र होकर भी दान करने का सामर्थ्य रखने वाला सदैव आदरणीय होता है !!!
घर घर तजल्लियाँ हैं तलबगार भी तो हो
मूसा सा कोई तालिब-ए-दीदार भी तो हो
दिल दर्द-नाक चाहिए लाखों हैं ख़ूब-रू
ईसा हैं सैकड़ों कोई बीमार भी तो हो
कौन सा झोंका बुझा देगा किसे मालूम है,
ज़िंदगी एक शम्म-ए-रौशन है हवा के सामने ।
Maybe home is nothing but two arms holding you tight when you’re at your worst.
Feelings are just visitors, let them come and go.
जो मन की पीड़ा को स्पष्ट रूप में कह नहीं सकता, उसी को क्रोध अधिक आता है।
~ रवींद्र नाथ टैगोर
पड़ोसी आपका दोस्त नहीं है तो कोई बात नहीं,
जरूरी ये है कि बस वो आपका दुश्मन न हो..!!!
आश्चर्य की बात है कि लोग जीवन को बढ़ाना चाहते हैं, सुधारना नहीं।
- सुकरात
"विषम परिस्थितियों के कठोर प्रहारों से ही चरित्र का निर्माण होता है। "
जो बच्चे बचपन में तितली पकड़न में जुटे रहते है
बड़े हो कर सोचते हैं चिरिया पकड़ना भी उतना सरल है |
"फूल की चाह भी है तुमको, और दामन में काँटा भी मंज़ूर नही...!"
Being listened to and heard is one of the greatest desires of the human heart. And those who learn to listen are the most loved and respected.
तसल्ली ये रही कि कोई और न आया..
दरमियां हम दोनों के...बस शिकायतें रहीं..!
तेरी खैरियत का ही जिक्र, रहता है दुआओं में ,
मसला सिर्फ मोहब्बत का ही नहीं, फिक्र का भी है ..!!
तुम्हें गुमां है कि मैं जानती नहीं कुछ भी,
मुझे ख़बर है कि रास्ता बदल रहे हो तुम !
“केवल नज़र की कमज़ोरी से ही नहीं ,कई बार अहंकारवश भी चीज़ें साफ़ नहीं दिखाई देतीं”
तुम पूछो और मैं न बताऊँ ऐसे तो हालात नहीं
एक ज़रा सा दिल टूटा है और तो कोई बात नहीं
- क़तील शिफ़ाई
भरोसा करके बिकते रहे हैं हम वरना ,
कीमत लगाकर खरीद पाना किसी के बस का नहीं था ..!!
बेवक्त बेवजह कुत्ता ही शोर मचाता है,
वरना शेर के आने से जंगल में सन्नाटा छा जाता है.
जब से उस ने शहर को छोड़ा हर रस्ता सुनसान हुआ
अपना क्या है सारे शहर का इक जैसा नुक़सान हुआ
वक़्त के सैलाब में, जाने क्या-क्या बह गया,
हमसफ़र दरिया बनाया, फिरभी प्यासा रह गया।
#fb2014
सुना है मर जाते हैँ पीने वाले भरी जवानी मेँ,
मैने तो बुजुर्गो को देखा है जवान होते मैखाने मे...
#fb2014
जिक्र तेरा करते थे, तो लोग बेहया कहते थे ।
जिक्र तेरा छोड़ दिया, तो लोग अब हमें बेवफ़ा कहते हैं!
#fb2013